राजस्थान के करौली जिले के बूकना गांव, सपोटरा डिवीजन के एक मंदिर के पुजारी को एक भूमि के मुद्दे पर बुधवार को आधा दर्जन व्यक्तियों द्वारा आग लगाने के बाद गुरुवार की रात SMS अस्पताल, जयपुर में दम तोड़ दिया। जहाँ हजारों अन्य लोगों के साथ पुजारी का परिवार राजस्थान में अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुआ है, मुआवजे की मांग कर रहा था, और अपराधियों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई की माँग कर रहा था, वहीं दूसरी ओर इंडिया टुडे समूह के स्वामित्व वाला हिंदी समाचार चैनल आज तक, पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर आलोचना की आग उगलने के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में पुजारी की क्रूर हत्या का उपयोग करता है। और ऐसा करते समय, यह भी निष्कर्ष निकलता है कि पुजारी की हत्या नहीं की गई थी, लेकिन उसने खुद ही आत्मदाह किया है। किसी घटना को कैसे घुमा कर दिखाना है यह तो इन जैसे पत्रकारों से सीखना चाहिए। और शर्म आनी चाहिए ऐसे पत्रकारों को जो सच और झूठ में फर्क करना नहीं जानते। एक मरते हुए व्यक्ति के आखरी बयान भी झूठा साबित कर दिया इस पत्रकार ने। पूरा गाँव और वहां मौजूद हजारों की संख्या में लोग भी झूठे हो गए इन पत्रकार महोदय के सामने।
Shameless Journalism of Aajtak.
First calls Rajasthan Pujari murder case as ‘आत्मदाह’.
Then says- “अगर पुजारी के घर छत होता तो पुजारी नहीं जलता”. pic.twitter.com/ICyxuSKpMn
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) October 10, 2020