जिले भर में रविवार को महिलाओं द्वारा बछ बारस का त्यौहार श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दौरान महिलाओं ने सामूहिक रूप से मंगल गीत गा गाय माता की पूजा की।
गौरतलब है कि गाय को लक्ष्मी का रूप मान कामधेनु के रूप में पूजे जाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए महिलाएं भाद्रपद कृष्ण पक्ष गौ द्वादशी के दिन सामूहिक रूप से एक जगह एकत्रित होकर गौ माता की पूजा करती है, मंगल गीत गाती है व समूह के रूप में कहानियां सुनती है। गाय माता को पूजने के दौरान महिलाएं अपने मन की कामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगती हैं। इस दिन महिलाएं गौ माता का पूजन करने के बाद दिनभर व्रत रखती है तथा चाकू से कटी पीटी वस्तु का सेवन नहीं कर चने, मूंग, मोठ आदि के बरिए बनाकर ज्वार, बाजरे की रोटी से अपना व्रत खोलती है।